हमारा ध्येय
यात्रियों को
अधिक सुविधा
पहुँचाना है। अत:
इस हेतु हम
यात्रियों के लाभ
की कुछ बातें लिख
देना भी अपना
कर्तत्य समझते
है।
रेलगाड़ी
से उतरते समय तथा तांगे से
उतरते समय अपने सामान को
सम्भाल लें। कुली तथा तांगे,
रिक्शा का नं0 नोट कर लेने से
समान खोने की सम्भावना कम हो
जाती है।
अपने बच्चों
तथा परिवार के व्यक्तियों का
ध्यान रखें। जिस स्थान में
ठहरें उसका नाम तथा कमरा नं0
नोट कर लें तथा परिवार के
व्यक्तियों को पता याद करा
दें।
स्नान आदि जाने के समय समान
की रक्षा के लिए अपना आदमी
कमरे में अवय रखें।
घाट तथा बाजार में जाते समय
नकदी तथा मूल्यवान वस्तुएं
बहुत सम्भाल कर रखें।
स्नान केसमय रूपया, जेवर आदि
मूल्यवान वस्तुएं अपने आदमी
की निगरानी में रखें।
किसी अन्जान आदमी के हाथ से
खाने की वस्तु-प्रसाद,
पान,बीड़ी, सिगरेट आदि लेकर न
खायें-पियें
चाट इत्यादि का सेवन करके उसी
समय पानी न पियें।
भोजन करते समय भूख रखकर खाना
खावे।
हरिद्वार में मांस, मदिरा आदि
वस्तुओं का सेवन करना महा पाप
तथा कानून के भी विरूद्ध है।
कृपया तीर्थ की पवित्रता मद्य,
मांस से
कलूषत न करें।
दूसरे से अच्छा व्यवहार करें
तथा करायें।
तीर्थ की पवित्रता आपके हाथ
में हैं। अत: अपनी शक्ति से
अधिक इसे पवित्र रखें।
सेवा समिति के कार्यकलाप में
अपने परिवार से बिछुड़ कर आने
वाले बच्चों को उनके वारिसों
के पास पहॅचाने में सुविधा
और शीध्रता की
दृष्टि से आप अपने
बच्चों की जेब में ठहरने के
स्थान का पता आदि लिखकर डाल
दिया करें।
स्त्रियां बारीक कपड़े पहन कर
स्नान न करें।
खोये हुए व्यक्ति, बच्चे तथा
अन्य सामान आदि की सूचना शीध्र
कार्यालय सेवा समिति में
पहॅचा दें।
अनाथ तथा लावारिस मृतकों की
सूचना कार्यालय सेवा समिति को
दें।
प्रत्येक रोगी सेवा समिति
हरिद्वार के धर्मार्थ औषधालय
से नि:शुल्क दवा लेकर लाभ
उठाकर स्वास्थय और धन की रक्षा
कर सकता है।
समिति ने यात्रियों की सुविधा
के लिये अमानत बैंक खोला हुआ
है जिसमें यात्री रूपया जमा
करने व वापिस लेने की सुविधा
प्राप्त कर सकते है।
समिति के पूछ-ताछ विभाग से हर
प्रकार की जानकारी प्राप्त की
जा सकती
है।
किसी विपत्ति के समय सेवा
समिति हरिद्वार यथासम्भव
आपकी सेवा करने का प्रयत्न
करेगी।